इटौरा चौकी पुलिस ने कर दिया कमाल- आपको बता दें कि स्वर्गीय अधिवक्ता की पत्नी के द्वारा की गई शिकायत पर जांच कर रहे उपनिरीक्षक ने अपनी रिपोर्ट को निष्पक्ष बनाने के लिए दूसरे व्यक्ति को विवादित कर दिया। जांच में जिस निष्पक्ष व्यक्ति का बयान लिया है वह सिर्फ कागजी है, क्योंकि उसने कोई ऐसा बयान दिया ही नहीं है, फिर पुलिस ने ऐसा क्यों और किसके कहने पर किया अब इसकी भी जांच होगी, क्योंकि यह मामला अब पुलिस कप्तान की चौखट पर पहुँच गया है।
जानकारी के मुताबिक नेहा शर्मा पत्नी अधिवक्ता स्वर्गीय मणीन्द्र शर्मा ने जमीन व दुकान पर कब्जा करने के सम्बंध में एक शिकायती पत्र दिया गया था। इसमें गांव के ही शशिकांत पर आरोप लगाया गया था। इस मामले में जिलाधिकारी को भी एक पत्र दिया गया। 25 जुलाई को डीएम ने टीम गठित कर दुकान के सामने किए गए अतिक्रमण को नियमानुसार हटाने के निर्देश दिए गए थे। इस निर्देश पर उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार ने एक अगस्त को घटना स्थल का निरीक्षण किया। जो जांच रिपोर्ट तैयार की गई अब वह विवादों में है। क्योंकि जांच के दौरान निष्पक्ष स्वतन्त्र व्यक्तियों के बयान लेना बताया गया। इसमें गांव के पुखराज द्विवेदी पुत्र जयनारायण द्विवेदी का बयान लेने की बात कही गई। वहीं दूसरी तरफ पुखराज द्विवेदी को इस बात की कोई जानकारी ही नहीं है। मतलब पुलिस ने मनगढ़ंत ढंग से बयान लेकर रिपोर्ट तैयार कर दी।
आज पुखराज द्विवेदी पुत्र जयनारायण द्विवेदी, निवासी ग्राम अकबरपुर, इटौरा थाना द्वारा एक शिकायती पत्र पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया जिसमें लिखा गया कि मैं पुखराज द्विवेदी पुत्र जयनारायण द्विवेदी ग्राम अकबरपुर इटौरा थाना आटा जिला जालौन में निवास करने वाला एक संभ्रात नागरिक हूँ। कुछ समय पूर्व प्रार्थी के संज्ञान में आया कि ग्राम की ही नेहा शर्मा पत्नी स्व० श्री मनीन्द्र शर्मा निवासी ग्राम अकबरपुर इटौरा हाल निवासी उरई द्वारा श्रीमान जिलाधिकारी महोदय के समक्ष अपनी दुकान के सामने शशिकान्त पुत्र मातादीन द्वारा अतिक्रमण किए जाने संबंधी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था जिसके संबंध में जिलाधिकारी महोदय के आदेश पर उपनिरीक्षक श्री प्रदीप कुमार थाना आटा द्वारा दिनांक 02.08. 2025 को प्रस्तुत की गई। उक्त जांच में उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार द्वारा यह उल्लेख किया गया है कि उन्होंने घटना स्थल पर मेरा निष्पक्ष ब्यान लिया जिसके अनुसार शशिकांत पुत्र मातादीन द्वारा अतिक्रमण किया गया है। उक्त प्रकरण में मैं पुखराज द्विवेदी आपको अवगत कराना चाहता हूँ कि उक्त ब्यान पूरी तरह काल्पनिक व निराधार है। मुझे इस प्रकरण के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी न ही ऐसा कोई ब्यान मेरे द्वारा पुलिस प्रशासन को दिया गया। यह प्रार्थना पत्र इस आशय के साथ दे रहा हूँ कि उक्त जांच से मेरा नाम हटा कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करे। क्योंकि उनकी गलत रिपोर्ट से ग्राम में मेरे विरूद्ध अनावश्यक बेमनस्था की स्थिति उत्पन्न हुई है। आशा है कि आप एक संभ्रात नागरिक की गरिमा को ध्यान में रखकर प्रकरण की स्पष्ट जांच करवाये। ताकि जनमानस का पुलिस प्रशासन में भरोसा बरकरार रहे।